नव द्वारका मंदिरों के रोचक तथ्य
प्राचीन तथ्यों के अनुसार, द्वारका शहर शुरू में उत्तर में बेट द्वारका (शंखोधर) और दक्षिण में ओखमाधी तक विस्तारित किया गया था। यह सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र है और यह माना जाता है कि "नवा द्वारका" की यात्रा करना आपके जीवन को सार्थक बनाता है। इस वीडियो में हमने आपको इन नव द्वारका मंदिरों कीजानकारी दी है
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१ द्वारका शहर भगवान कृष्ण द्वारा बनाया गया था जो कि बेट द्वारका (शंखोधर) से लेकर ओखमाधी तक विस्तारित हुआ।
२ द्वारका में नौ मंदिरों का एक समूह है जिसे सामूहिक रूप से "नव द्वारका" के नाम से जाना जाता है।
३ इन मंदिरों में सबसे मुख्य मंदिर द्वारकाधीश या जगत मंदिर है। यहाँ मोक्षद्वार और स्वर्गद्वार नाम के दो प्रवेश द्वार हैं।
२ रुक्मिणी द्वारका एक छोटा मंदिर है जिसमें विशेष रूप से बने नक्काशीदार स्तंभ और मूर्तियां हैं।
५ गोमती नदी के किनारे कुछ छोटे तीर्थ पाए जाते हैं, जिसे लोग गोमती द्वारका कहते हैं
६ बेट द्वारका या शंखोधर एक छोटा सा द्वीप है जो भगवान कृष्ण और लक्ष्मी नारायण की प्रतिमाओं से सुशोभित हैं।
७ सुदामा द्वारका यह वो जहग है जहां भगवान कृष्ण के प्रिय मित्र सुदामा रहते थे और इसलिए इस जगह को वैष्णव पूजनीय मानते है
८ मूल द्वारका वो स्थान है जहाँ भगवान कृष्ण ने पहली बार द्वारका पहुंचने पर अपने पैर जमीन पर रखें थे
९ नाथद्वार या श्रीनाथजी द्वारका को श्रीवल्लभाचार्य ने स्थापित किया था। इसलिए पुष्टिमार्ग वैष्णव संप्रदाय के भक्त इस मंदिर को बहुत महत्वपूर्ण मानते है
१० भगवान कृष्ण को जिस स्थान पर अंतिम बार देखा गया था उस तीर्थ स्थान को मुक्ति द्वारका कहते है
११ इन सब में अन्य दो मंदिर भी है जिन्हे कांकरोली द्वारका और डाकोर द्वारका कहते है
१२ भारत के ऐसे वैभवशाली मंदिरों की जानकारी के लिए देखते रहें अर्था चॅनेल